"5g के बाद 6g पे चल रहा है काम।"
IIT‑हैदराबाद, जापानी कंपनी SSIC और WiSig द्वारा Beyond 5G (B5G) और प्रारंभिक 6G तकनीकों का सफल परीक्षण किया गया है। SSIC का Software‑Defined Radio (SDR) SoC WiSig की मोबाइल नेटवर्क प्रणाली के साथ मिलकर प्रदर्शन करता है जो आज के बेहतरीन 5G नेटवर्कों के तुल्य है।
इस पहल का उद्देश्य 2026 तक Fixed Wireless Access, Mission‑Critical Push-to-Talk, V2X (Vehicle‑to‑Everything), और उपग्रह‑सक्षम NB‑IoT स्मार्ट मीटरिंग जैसी सेवाओं को सक्षम करना है।
2. Bharat 6G Vision और Alliance का काम
Bharat 6G Vision Document (मार्च 2023) ने भारत को 2030 तक वैश्विक 6G नेता बनाने की स्पष्ट रूपरेखा पेश की। इसमें सुरक्षा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ubiquity और sustainability पर ज़ोर है।
Bharat 6G Alliance (B6GA) में अब 80 से अधिक संगठन सहभागी हैं—30+ स्टार्ट‑अप्स सहित। यह भारत की 10% वैश्विक 6G पेटेंट धारक बनने की महत्वाकांक्षा को साकार कर रहा है।
सरकार ने लगभग ₹300 करोड़ से 111 परियोजनाओं को 6G R&D के लिए मंजूरी दी है, वहीं कुल ₹10,000 करोड़ तक ये प्रयास विस्तारित हो सकते हैं।
3. मिशन‑क्रिटिकल तकनीकी पहल
SAMEER, IIT मद्रास, IIT गुवाहाटी व IIT पटना मिलकर 6G Terahertz Testbed और Advanced Optical Communication Test Bed जैसे परियोजनाएँ चला रहे हैं, जो थ्रॉट्रेबिट प्रति सेकंड डेटा दरों की ओर अग्रसर हैं।
ये परीक्षणें 2026 तक कमर्शियल ट्रायल्स की ओर बढ़ने की दिशा में हैं।
4. वित्तीय चुनौतियाँ
हालाँकि भारत ने पेटेंट और विशेषज्ञता में मजबूत बढ़त बनाई है, लेकिन कुछ विशेषज्ञों ने वित्तीय संसाधनों की कमी पर चिंता जताई है। FY25 में केवल ₹400–1,100 करोड़ की बजट आरक्षित किया गया—जो GDP के बहुत छोटे हिस्से के बराबर है। वहीं चीन और अमेरिका ने टेक्नोलॉजी R&D में GDP का 2–3% तक निवेश किया है।
वैश्विक परिप्रेक्ष्य
Ericsson ने Mobile World Congress 2025 में 6G प्रोटोटाइप दिखाया, जिसमें वर्तमान में 3 Gbps तक की स्पीड है और भविष्य में लक्ष्य 1 Tbps (Terabit प्रति सेकंड) रखा गया है। साथ ही नेटवर्क slicing जैसे नवाचार भी प्रस्तुत किए गए।
Huawei, ZTE जैसी कंपनियों ने भी AI-सक्षम 5G-A और 800 Gbps मॉड्यूल के साथ प्रोद्योगिकी दिशा पर ध्यान केंद्रित किया है।चीन ने Chang Guang Satellite Technology की मदद से उपग्रह-से-भूमि लेज़र संचार में 100 Gbps डेटा गति परीक्षण में सफल हुआ, जिससे यह 6G इंटरनेट के लिए एक महत्वपूर्ण तकनीकी कदम माना जा रहा है।
तकनीकी और व्यावहारिक अपेक्षाएँ:-
पहलु | जानकारी |
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रफ्तार | 6G तकनीकी एक Terabit प्रति सेकंड (1 Tbps) तक की गति देने का लक्ष्य रखता है—लगभग 100 गुना तेज़ 5G से। |
लैटेंसी | लगभग 100 माइक्रोसेकंड (1 माइक्रोसेकंड = 0.001 मिलीसेकंड) की बहुत कम देरी, जिससे autonomous वाहनों, रिमोट सर्जरी आदि अनुप्रयोग संभव होंगे। |
AI एकीकरण | 6G नेटवर्क में एआई न केवल सेवाओं को चला रहा है, बल्कि नेटवर्क की आत्म-अनुकूलन क्षमता देता है (self‑optimizing, self‑healing नेटवर्क)। |
ISAC तकनीक | Integrated Sensing and Communications (ISAC) तकनीक के द्वारा नेटवर्क ट्रांसमिशन सिस्टम को पर्यावरणीय सेंसर्स के रूप में इस्तेमाल किया जा सकेगा। |
भारत की योजना:-
Phase 1 (2023–2025): R&D, टेस्ट बेड स्थापित करना, इंडस्ट्री-अकादमी को जोड़ना।
Phase 2 (2026–2028): मानकीकरण, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, प्रोटोटाइप ट्रायल्स।
Phase 3 (2029–2030): व्यावसायिक लॉन्च और व्यापक तैनाती।
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